कैरोलीन उस पल का ज़िक्र करती हैं जब उन्हें भाप से चलने वाली ट्रेनों से प्यार हो गया था। रेलवे के प्रति उनका पहला और आजीवन प्रेम स्वानेज में शुरू हुआ। आज भी जब वह भाप से चलने वाली ट्रेन में सवार होती हैं, तो उन्हें वैसा ही आनंद आता है जैसा युवावस्था में आता था, एक गहरा जुड़ाव जो उनकी आत्मा की गहराई तक पहुँचता है।